Admission Instructions
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प्रवेश सम्बन्धी आवश्यक निर्देश
(Important Instructions for Admission)
1. महाविद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन के इच्छुक आवेदकों को परामर्श दिया जाता है कि वे अपनी रूचि के विषय चुनने और आवेदन पत्र भरने से पूर्व सभी प्रवेश नियमों को ध्यान पूर्वक पढ़ लें।
2. प्रवेश हेतु आवेदन पत्र के साथ स्थानान्तरण प्रमाण पत्र/माइग्रेशन सर्टिफिकेट एवं चरित्र प्रमाण पत्र मूल रूप में लगाना आवश्यक है।
3. प्रवेश हेतु अभ्यर्थी को स्वयं मूल प्रमाण पत्रों सहित उपस्थित होना अनिवार्य है। प्रवेश आवेदन पत्र के साथ खेल एवं अन्य प्रमाण पत्रों की स्व प्रमाणित प्रतिलिपियां लगायी जानी आवश्यक है।
4. प्रवेश आवेदन पत्र पर अभ्यर्थी का नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो (रंगीन) को उचित स्थान पर चिपकाना आवश्यक है।
5. प्रवेश मिलने के पश्चात सामान्यतः विषय परिवर्तन नहीं किया जायेगा। सीटों की उपलब्धता होने पर ही प्रवेश समिति प्रवेश तिथि की समाप्ति के 10 दिनांे के अन्तर्गन विषय परिवर्तन कर सकती है।
6. प्रवेशार्थी निर्धारित तिथि से पूर्व तक प्रवेश आवेदन पत्र कार्यालय में जमा कर दंे। उसके पश्चात किसी प्रवेश आवेदन पत्र पर विचार किया नहीं जायेगा।
7. महाविद्यालय बिना कारण बताये किसी भी आवेदक को प्रवेश देने हेतु मना कर सकता है या उसका प्रवेश बिना कारण बताये निरस्त कर सकता है।
8. प्रत्येक छात्र को प्रवेश के लिए अन्तिम अधिसूचित तिथि से पूर्व एक मुश्त वार्षिक शुल्क जमा करना होगा। ऐसा न होने पर विद्यार्थी की प्रवेश स्वीकृति स्वतः ही निरस्त हो जायेगी किन्तु कश्मीर से पुनस्र्थापितों के लिए अन्तिम तिथि में एक माह की छूट का प्रावधान है।
9. अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ावर्ग/ विकलांग इत्यादि आरक्षित श्रेणी से आच्छादित अभ्यर्थियों को निर्धारित प्रपत्र पर उप जिलाधिकारी/जिलाधिकारी/मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
10. युद्ध में वीरगति प्राप्त सैनिकों के आश्रितों (पुत्र/पुत्री/पत्नी/भाई/बहिन) को यदि वे अर्ह हों तो सभी अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जायेगा।
11. निर्धारित सक्षम अधिकारियों द्वारा निर्गत प्रमाण पत्रांें पर ही प्रवेश समिति द्वारा विचार किया जायेगा।
12. अपूर्ण आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।
नोटः- विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश सम्बन्धी नियमों में समय-समय पर किये गये परिवर्तन महाविद्यालय पर भी लागू होंगें।
प्रवेश नियम सत्र 2018-19
(Admission Rules)
निम्न नियम सभी कक्षाओं पर लागू होगें।
1. स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए प्राचार्य, प्रवेश समितियांें का गठन करेंगें जो अलग-अलग संकायों में प्रवेश सम्बन्धी कार्यों का दायित्व पूर्ण करेंगें। तत्-तत् संकायों में प्रवेश के लिए उक्त समिति और प्राचार्य का निर्णय अन्तिम होगा।
2. पविज्ञान संकाय में प्रवेश के लिए अर्हता परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक तथा कला संकाय में 40 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के अभ्यर्थियों के लिए 5 प्रतिशत अंकों की छूट देय होगी।
3. पअनुसूचित जाति /अनुसूचित जन जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रवेशार्थियोें को आरक्षण की सुविधा उत्तरांचल शासनादेश संख्या 1144/कार्मिक-2-2001-53(1)/2001 द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार अनुमन्य होगी जो कि निम्नवत है -
अनुसूचित जाति 19 प्रतिशत, अनुसूचित जन जाति 04 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग 14 प्रतिशत। इसके अतिरिक्त उपरोक्त श्रेणियों एवं सामान्य श्रेणियों के प्रवेशार्थियों में निम्न प्रकार से क्षैतिज आरक्षण देय होगा- महिला 30 प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिक 05 प्रतिशत, दिव्यांग 04 प्रतिशत, स्वतंत्रता सग्राम सैनानी आश्रित 02 प्रतिशत। आरक्षण केवल उत्तराखण्ड राज्य के अभ्यर्थियों के लिए ही होगा।
उत्तराखण्ड राज्य के अभ्यर्थियों के लिए प्रत्येक कक्षा में 90 प्रतिशत स्थान सुरक्षित रहेेंगें। प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियांे को अधिकतम 10 प्रतिशत स्थानों पर ही प्रवेश मिल सकेगा, बशर्तें वे वरीयता सूचकांक में अर्ह हो। उत्तराखण्ड के बाहर की सीट रिक्त रहने की स्थिति में उत्तराखण्ड केअभ्यर्थियों को नियमानुसार सूची के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है।
दिव्यांग अभ्यर्थियों को सम्बन्धित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर अभ्यर्थी जिस श्रेणी में आता है उसी श्रेणी में 04 प्रतिशत का आरक्षण देय होगा।
4. प्रवेश की अन्तिम तिथि तक यदि 10़2 अनुपूरक या कम्पार्टमेंट का परिणाम घोषित होता है तो ऐसे अभ्यर्थियों को भी प्रवेश दिया जा सकता है, बशर्ते उन्होंने निर्धारित तिथि तक प्रवेश आवेदन पत्र जमा कर दिये हों।
5. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से (10़2) इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण छात्र प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए तभी अर्ह हैं यदि दसवीं के बाद दो वर्ष का अन्तराल तथा पंाच विषय हैं।
6. प्रवेश विषयों में निर्धारित सीटों पर ही हेागा।
7. संस्थागत प्रवेशार्थी पूर्व संस्था के प्राचार्य का तथा व्यक्तिगत प्रवेशार्थी किसी राजपत्रित अधिकारी/लोकसभा/विधानसभा के सदस्य द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र संलग्न करें।
8. माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा भारत सरकार के आदेश के अनुपालन में स्नातक कक्षाओं में पर्यावरण अध्ययन अनिवार्य विषय के रूप में प्रारम्भ किया जा चुका है। बी0ए0 प्रथम सेमेस्टर के अभ्यर्थी तथा बी0एस0सी0 द्वितीय सेमेस्टर के अभ्यर्थी अन्य तीन विषयों के साथ पर्यावरण विषय का अध्ययन भी करंेगंें जिसे उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
9. प्रवेश आवेदन पत्र के साथ स्थानान्तरण प्रमाण पत्र ;ज्ब्द्ध तथा चरित्र प्रमाण पत्र;ब्ब्द्ध मूल रूप से संलग्न करना आवश्यक है। किसी अन्य विश्वविद्यालय के छात्र को एक माह के अन्दर प्रव्रजन प्रमाण पत्र ;डपहतंजपवद ब्मतजपपिबंजमद्ध जमा करना आवश्यक है, अन्यथा अस्थाई प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा।
10. प्रवेश के समय अभ्यर्थी को प्रवेश समिति /प्राचार्य के समक्ष मूल प्रमाण पत्रों सहित स्वंय उपस्थित होना होगा ताकि उसके छाया चित्र एवंम प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा सके।
11. अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र/छात्राओं को उसी कक्षा एवम् संकय में प्रवेश नही दिया जायेगा। इस विश्वविद्यालय से अनुत्तीर्ण छात्र अथवा डाप- आउट भूतपूर्व छात्र के रूप में परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हे। डाप-आउट से तात्पर्य है कि छात्र द्वारा विधिवत प्रवेश लेने के पश्चात पूरे सत्र अध्ययन किया हो परीक्षा आवेदन-पत्र भरा हो और किसी कारणवश परीक्षा में सम्मलित न हुआ हों।
12. स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों का अनुत्तीर्ण होने अथवा चिकित्सा के आधार पर या अन्य वैद्य कारण पर केवल एक बार संकाय बदल कर प्रवेश दिया जासकता है। प्रवेश लेने से पूर्व प्रत्येक छात्र को स्थानरन्तरण प्रमाण पत्र/प्रव्रजन पत्र एवत् चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
13. छात्र/छात्राओं को स्नातक स्तर पर (छः) वर्ष तक ही सस्थागत विद्यार्थी के रूप में अध्ययन करने की सुविधा रहेगी जिसमें एक वर्ष का गैप भी सम्मिलित रहेगा। केवल वे ही छात्र भूतपूर्व छात्र का लाभ ले सकेगें जिन्होने पूरे समय अध्ययन किया हो अथवा विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश पत्र/अनुक्रमांक दिया गया हो और वे चिकित्सा के आधार पर आवेदन करता है।
14. जिन छात्रों की गतिविधियाॅ नियन्ता मण्डल/प्रशासन की राय में अवांछनीय है उन्हें प्रवेश लेने से रोका जा सकता है अथवा निकाला जा सकता है या उनका प्रवेश निरस्त किया जा सकता है। न्यायालय द्वारा दण्डित अभ्यर्थी को प्रवेश नही दिया जायेगा।
15. संकाय अथवा विषय बदल कर उसी कक्षा में प्रवेश नही दिया जायेगा जिसकी परीक्षा छात्र एक बार उत्तीर्ण कर चुका हो अर्थात एक संकाय की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात उसी कक्षा/दूसरे संकाय में प्रवेश नही किया जायेगा।
16. नियमानुसार अनुचित साधन के अन्तर्गत दण्डित छात्रों को प्रवेश नही दिया जायेगा।
17. प्रवेश के अन्तिम तिथि के बाद अविचारित आवेदन पत्र स्वतः निरस्त समझे जायेगे।
18. छात्र/छात्रा के शुल्क रसीद एंव परिचय पत्र में भी आंवटित विषय का उल्लेख किया जायेगा।
19. जिन प्रवेशार्थियों को प्रवेश समिति/प्राचार्य प्रवेश प्रदान करेगें उनकी सूचना समय-समय पर सम्बन्धित पिषयों के विभागाध्यक्षों को दी जायेगी इन्ही सूचियों के आधार पर विभिन्न विभागों की छात्र उपस्थिति पंजिका में छात्र/छात्राओं के नाम पंजीकृत किये जायेगें।
20. संस्थागत छात्र एक ही सत्र में अन्य किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश नहीं लेगा और ना ही उपाधि हेतु परीक्षा में सम्मिलित होगा। यदि कोई छात्र/छात्रा इस नियम का उल्लघन कर परीक्षा में सम्मिलित होता है तो विश्वद्यिालय द्वारा उसकी परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।
21. यदि किसी छात्र ने बी0ए0 प्रथम/द्वितीय वर्ष की परीक्षा व्यक्तिगत रूप से उत्तीर्ण की और द्वितीय/तृतीय वर्ष में संस्थागत रूप में प्रवेश लेना चाहता है तो उसके लिए बी0ए0 प्रथम/द्वितीय वर्ष में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है।
22. उत्तराखण्ड प्रदेश के अभ्यर्थियों के अतिरिक्त अन्य प्रदेश के अभ्यर्थियों को प्रवेश के पूर्व अपना पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
23. कश्मीरी विस्थापित अभ्यर्थी को प्रवेश तिथि में 30 दिनों के छूट के साथ-साथ न्यूनतम निर्धारित अंको के प्रतिशत में भी 10 प्रतिशत की छूट देय होगी।
24. रैगिंग एक गैर कानूनी गतिविधि घोषित की है। रैगिंग में लिप्त विद्यार्थी को निष्कासित कर दिया जायेगा और कानून के दायरे में आ जायेगा। प्रवेश लेते समय प्रत्येक विद्यार्थी यू0जी0सी0 की वेबसाइट पर एन्टीरैंगिक सम्बन्धी पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा जिसकी एक प्रति महाविद्यालय में जमा करनी होगी।
25. अर्हता परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात दो वर्ष तक का अन्तराल को और वे प्रवेश की सभी शर्तों का अनुपालन करता है तो महाविद्यालय ऐसे प्रवेशार्थी को प्रवेश दे सकता है परन्तु इस समय अन्तराल का शपथपत्र एवं चरित्र प्रमाण पत्र जमा कराना होगा जिसमें समक्ष अधिकारी संतुष्ट हों।
26. स्नातक स्तर पर विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु सीटों का निर्धारण विश्वविद्यालय नियमानुसार किया जायेगा।
27. दो वर्ष से अधिक गैप के पश्चात प्रवेश नहीं मिलेगा यदि अभ्यर्थी ने किसी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के पश्चात किसी व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया हो और उसकी परीक्षा भी दी तो उस अवधि को गैप नहीं माना जायेगा। ऐसेे अभ्यर्थी को भी स्नातक 06 वर्ष में उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा। उक्त अवधि सुनिश्चित करने पर ही अभ्यर्थी को प्रवेश दिया जायेगा।
स्नातक कक्षाओं में प्रवेश तथा योग्यता निर्धारण
1. प्रत्येक महाविद्यालय विश्वविद्यालय द्वारा घोषित अन्तिम तिथि तक निर्धारित सीटों के अनुसार ही प्रवेश देंगेें।
2. स्नातक स्तर पर प्रवेश मैरिट के आधार पर दिये जायेंगें।
3. योग्यता सूची इण्टरमीडिएट/समकक्ष अर्ह परीक्षा के प्राप्तांकों के प्रतिशत के आधार पर बनायी जायेगी।
4. अतिरक्ति अंक निम्न प्रकार से आवंटित कर अन्तिम योग्यता सूची बनाकर प्रवेश दिया जायेगा:-
(प) राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रों को क्रमशः 05 तथा 07 अतिरिक्त अंक देय होंगें।
(पप) एन0सी0सी0 ‘बी‘ प्रमाण पत्र धारक को 02 अंक, ‘सी’ प्रमाण पत्र धारक को 03 अंक तथा गणतंत्र दिवस परेड (राष्ट्रीय) को 05 अंक। (अधिकतम 05 अंक)
(पपप) राष्ट्रीय सेवा योजना ‘ए’ ‘बी’ प्रमाण पत्र धारक या 240 घण्टे ़ दो विशेष शिवरों को 02 अंक, ‘सी’ प्रमाण पत्र धारक को 03 अंक तथा राष्ट्रीय एकीकरण शिविर/ गणतंत्र दिवस परेड को 05 अंक। (अधिकतम 05 अंक)
(पअ) स्काउट के पद सोपान-1 धारक को 01 अंक तथा पद सोपान-3 धारक को अतिरिक्त 02 अंक देय होगें, निपुण धारक को 01 अंक, राज्य पुरस्कार को 02 अंक तथा राष्ट्रपति पुरस्कार को 03 अंक देय होंगें। (अधिकतम 05 अंक)
नोटः- उपरोक्त प्रवेशार्थियों को किसी भी दशा में 07 अंको से अधिक लाभ नहीं दिया जायेगा।
(अ) सेना में कार्यरत सैनिकों एवं केन्द्रीय गृह मन्त्रालय के अधिनस्थ अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों (पति/पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र-पौत्री) को 03 अंको का लाभ सक्षम अधिकारी का प्रमाण प्रस्तुत करने पर ही मिलेगा।
नोटः- अधिकतम देय अंक 15 ही होंगें।
पविज्ञान संकाय (FACULTY OF SCIENCE)
बी0एस0सी0 प्रथम वर्ष के लिए विषय चयन सम्बन्धी नियम -
बी0एस0सी0 प्रथम वर्ष में प्रवेशार्थियों को निम्न संवर्गों में से वही संवर्ग देय होगा जिस संवर्ग से उनके इण्टरमीडिएट अथवा समकक्ष उत्तीर्ण की हो अर्थात गणित संवर्ग (गणित, रसायन, भौतिक) से उत्तीर्ण अभ्यर्थी को गणित संवर्ग तथा प्राणी विज्ञान संवर्ग (वनस्पति, रसायन, जन्तु), से उत्तीर्ण अभ्यर्थी को प्राणी विज्ञान संवर्ग के विषय ही मान्य होगें। अभ्यर्थी वरीयता क्रम अपने संवर्ग में तीन विषय, प्रवेश आवेदन पत्र पर अंकित करेंगें।
कला संकाय (FACULTY OF ART)
बी0ए0 प्रथम वर्ष के लिए विषय चयन सम्बन्धी नियम -
1. बी0ए0 प्रथम वर्ष में छात्र को तीन विषयों में प्रवेश लेना अनिवार्य है।
2. कोई भी छात्र भूगोल के साथ इतिहास का चयन नहीं कर सकता।
3. केवल वे छात्र भूगोल का अध्ययन कर सकते हैं जिन्होंने इण्टरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा भूगोल के साथ अथवा विज्ञान संवर्ग जीव विज्ञान के साथ उत्तीर्ण की हो।
4. केवल वे छात्र गणित का अध्ययन कर सकते हैं जिन्होंने इण्टरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा कला अथवा विज्ञान वर्गान्तर्गतगत गणित विषय के साथ उत्तीर्ण की हो।
5. गणित के साथ मात्र अर्थशास्त्र तथा भूगोल विषय लिये जा सकते हैं।
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The college was established on 01 August 2001, at the undergraduate level with seven core subjects of the Faculty of Arts (Hindi, English, History, Sociology, Political Science, Geography, Economics). In 2016-2017, Faculty of Science was introduced with five subjects (Mathematics, Zoology, Botany, Chemistry and Physics). This college is one of the major centre of higher education in Uttarkashi district since 2001.
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