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महाविद्यालय पुस्तकालय
College Library
महाविद्यालय पुस्तकालय कार्य दिवसों पर प्रातः 10.00 बजे से 5.00 बजे तक खुला रहता है। छात्र-छात्राओं की सुविधानुसार पुस्तकें प्राप्त करने के लिये तिथियां निर्धारित की जाती है और उन्हीं दिनों में पुस्तकें वर्ष भर निर्गत की जाती है।
1. पुस्तक प्राप्त करने हेतु निर्धारित मांग पत्र भर कर पुस्तकालय में जमा करना होता है, यदि वह पुस्तक किसी को न दी गई हो तब वह छात्र/छात्राओं को परिचय पत्र दिखाने पर ही मिल सकती है।
एक समय में विद्यार्थियों को अधिकतम 2 पुस्तकें पुस्तकालय कार्ड पर दी जा सकती हैं जो कि 15 दिन में निर्धारित तिथि तक पुस्तकालय में लौटानी होती है। निर्धारित तिथि पर पुस्तक न लौटाने पर 10 रुपये प्रतिदिन अर्थदण्ड लगेगा।
3. कोई भी पत्रिका नई या पुरानी परिचय-पत्र पर नहीं दी जायेगी। जो छात्र/छात्रा इन्हें पढ़ना चाहते हैं वे वाचनालय में अपना परिचय पत्र जमा कर पढ़ सकते हैं।
4. संदर्भ पुस्तकें निर्गत नहीं होंगी।
5. पुस्तकों को सुरक्षित रखने की पूर्ण जिम्मेदारी पुस्तक लेने वाले की होती है। यदि कोई पुस्तक फट जाय, गन्दी हो जाय एवं किसी भांति नष्ट हो जाय तो पुस्तक लेने वाले को नई पुस्तक लौटानी होगी। पुस्तकालय से पुस्तक लेते समय उसकी भली भांति जांच कर लेनी चाहिए कि पुस्तक की दशा ठीक है या नहीं अन्यथा क्षति हेतु पुस्तक लेने वाले उत्तरदायी हांेगे। पुस्तकों पर नाम व अन्य विवरण लिखना सर्वथा वर्जित है। उक्त नियम का उल्लंघन करने पर नई पुस्तक या उसका मूल्य जमा करना होता है। यदि पुस्तकालय से पुस्तक खराब हालत में मिलती है तो इस आशय का प्रमाण पत्र पुस्तकालयाध्यक्ष से पुस्तक दिखाकर लेना चाहिए।
6. परीक्षा से पूर्व पुस्तकें लौटाकर अदेय प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।
वाचनालय
छात्र/छात्राओं के लिये सदैव समाचार पत्र, मासिक पत्रिकायें पढ़ने व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिये महाविद्यालय में वाचनालय की व्यवस्था है। पत्र-पत्रिकाओं को वाचनालय से बाहर ले जाना वर्जित है। विद्यार्थियों से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये अतिरिक्त पुस्तक एवं पत्रिकाओं आदि को क्रय करने का सुझाव मिलने पर उन्हें क्रय करने की भी व्यवस्था की जा सकती है। विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि खाली समय पर पत्र-पत्रिकाओं को पढ़कर अपने सामान्य ज्ञान में वृद्धि करते रहें।
महाविद्यालय पत्रिका
छात्र/छात्राओं की सृजनात्मक प्रतिभा को विकसित करने के उद्देश्य से महाविद्यालय द्वारा वार्षिक पत्रिका ‘ त्रिपथगा ’ का प्रकाशन किया जाता है। छात्र/छात्राएं पत्रिका में मौलिक रचना/लेख आदि के प्रकाशन के लिए सम्पादक मण्डल से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।
If you Have Any Questions Call Us On 01371-237154
About Us
The college was established on 01 August 2001, at the undergraduate level with seven core subjects of the Faculty of Arts (Hindi, English, History, Sociology, Political Science, Geography, Economics). In 2016-2017, Faculty of Science was introduced with five subjects (Mathematics, Zoology, Botany, Chemistry and Physics). This college is one of the major centre of higher education in Uttarkashi district since 2001.
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Rajkiya Mahavidyalaya Chinyalisaur, Uttarkashi, Uttarakhand -
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